Facts About Shodashi Revealed

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There are actually many great things about chanting the Shodashi Mantra, out of which A very powerful kinds are stated under:

एकस्मिन्नणिमादिभिर्विलसितं भूमी-गृहे सिद्धिभिः

॥ इति श्रीत्रिपुरसुन्दरीस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥

यदक्षरैकमात्रेऽपि संसिद्धे स्पर्द्धते नरः ।

Once the Devi (the Goddess) is worshipped in Shreecharka, it is said to become the highest type of worship with the goddess. You can find sixty four Charkas that Lord Shiva gave into the individuals, together with distinctive Mantras and Tantras. These got so the human beings could target attaining spiritual Advantages.

ऐसा अधिकतर पाया गया है, ज्ञान और लक्ष्मी का मेल नहीं होता है। व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर लेता है, तो वह लक्ष्मी की पूर्ण कृपा प्राप्त नहीं कर सकता है और जहां लक्ष्मी का विशेष आवागमन रहता है, वहां व्यक्ति पूर्ण ज्ञान से वंचित रहता है। लेकिन त्रिपुर सुन्दरी की साधना जोकि श्री विद्या की भी साधना कही जाती है, इसके बारे में लिखा गया है कि जो व्यक्ति पूर्ण एकाग्रचित्त होकर यह साधना सम्पन्न कर लेता है उसे शारीरिक रोग, मानसिक रोग और कहीं पर भी भय नहीं प्राप्त होता है। वह दरिद्रता के अथवा मृत्यु के वश में नहीं जाता है। वह व्यक्ति जीवन में पूर्ण रूप से धन, read more यश, आयु, भोग और मोक्ष को प्राप्त करता है।

The trail to enlightenment is commonly depicted as an allegorical journey, With all the Goddess serving as being the emblem of supreme electrical power and Electrical power that propels the seeker from darkness to light.

ब्रह्माण्डादिकटाहान्तं जगदद्यापि दृश्यते ॥६॥

श्रीचक्रवरसाम्राज्ञी श्रीमत्त्रिपुरसुन्दरी ।

ह्रीङ्कारं परमं जपद्भिरनिशं मित्रेश-नाथादिभिः

Philosophically, she symbolizes the spiritual journey from ignorance to enlightenment and it is related to the supreme cosmic electrical power.

कामाक्षीं कामितानां वितरणचतुरां चेतसा भावयामि ॥७॥

Goddess Shodashi is also known as Lalita and Rajarajeshwari meaning "the 1 who plays" and "queen of queens" respectively.

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१०॥

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